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Drug, शब्द फेन्च शब्द के 'Drogue' से व्युत्पन्न माना जाता है जिसका आशय है 'Dry herb'| औषधियाँ वे पदार्थ
है जिनका उपयोग मनुष्य तथा जानवरो के रोकथाम मे, उपचार मे तथा निदान मे होता है|औषधि एक साधारण पदार्थ है, जो एकल ही उपयोगी है या दवाईयो मे अंश के रुप मे उपयोगी है दवाइयाँ एक अशल्य रासायनिक पदार्थ है ऐसे रासायनिक पदार्थ या दवाइयाँ जो इन बीमारियो के रोकथाम के लिये उपयोगी है, कीमोथिरैप्युटिक एजेन्ट कहलाते है।
औषधियों तथा दवाइयों का वर्गीकरण (classification of Drugs and Medicines)
1⃣ रोकथाम क्रिया पर आआधारित वर्गीकरण
🄰 ज्वर निवारक - - शरीर के बढे हुए ताप को कम करने में
🄱 दर्द निवारक--- दर्द निवारण के लिए ।
2..निश्चेतक__चेतना शून्य करने के लिए ।
3...प्रशान्तक - - 1 निद्राकारी
2 मूर्छाकारी
4...प्रतिरोधी... बैक्टीरिया , वाइरस की वृध्दि की रोकथाम के लिए
2⃣ रासायनिक रोकथाम मूल्यों पर आधारित वर्गीकरण
1...प्रतिजैविक
2..बैबैक्टीरियारोधी
3...मलेरियारोधी
4..एन्टीहिस्टामिन
5..अमीबीसाइड्स
6..एन्टीट्युबरकुलर
7..एन्टीहेलमिन्थीस
3⃣ विविध प्रकार की दवाइयाँ
1 सल्फा दवाइयाँ
2 सिम्पेथोमिमेटिस
3 हरदय उत्प्रेरक
4डाइयूरेटिक्स
5 जुलाब.
6 माइडिएटिक्स.
7 ट्रिपनोसाइड्स
8 एन्टी कॉनवलसेन्ट्स.
विभिन्न औषधीय पौधो मे पाये जाने वाले मुख्य सक्रिय अवयव के नाम एवं रोगों मे उनका उपयोग
प्राचीन समय से ही मानव विभिन्न प्रकार के रोगो पर नियन्त्रण पाने के लिए औषधीय पौधो की खोज मे लगा रहा है। ऋगवेद के प्राचीन records मे पौधों की प्रशंसा का विस्तार देखने को मिलता है। प्राचीन समय मे greek एवं इजिप्ट के लोगो ने पौधों का प्रयोग औषधि के रुप मे किया है। अरस्तू एवं Theophrastus ने 380 बी. सी. मे अपनी पुस्तक 'हिस्टोरिया डीप्लाण्टेरम' नामक पुस्तक मे औषधीय पौधो का विस्तार किया गया है।
औषधियों का संकल्प एवं निर्माण------------
कभी कभी औषधि प्रदान करने वाले पौधो की खेती की जाती है। इनसे औषधियाॅं प्राप्त होती है। प्रायः औषधि प्रदान करने वाले पौधे जंगली होते है। जो विभिन्न परिस्थियों में संसार के विभिन्न भागो में उगते है और प्राकृतिक अवस्था में उनका चयन किया जाता है। अतः लोग इस प्रकार वनस्पतियों का चयन करते हैं। विभिन्न प्रकार की औषधियाँ को जड़ से, पत्तियों आदि से प्राप्त किया जाता हैं। ]]
पादपो का विभिन्न औषधि पध्दतियों मे उपयोग-----
संसार मे विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार के लिए पादपों से प्राप्त औषधियाँ का प्रयोग किया जाता है, जो पौधो के विभिन्न भागो से निकाली जाती है। विश्व की सभी चिकित्सा पद्धति पौधो के ऊपर निरभर है । विश्व की 80% जनसंख्या जडी - बूटियों से प्राप्त औषधीयों का प्रयोग करती हैं । चिकित्सा पद्धति के अनुसार मनुष्यों ने आयुर्वेदिक यूनानी तथा होम्योपैथी को अपनाया हैं, जिसमें अधिकतर पौधो के विभिन्न भागो को जडी - बूटियों के रूप में अथवा सत्व के रूप में औषधि की भाँति प्रयोग किया जाता है।
औषधियों का वर्गीकरण (classification of drugs )
औषधियों के निर्माण या प्राप्ति हेतु उपयोगी पादप भाग की आकारकीय प्रकृति के आधार पर औषधियों को निम्न समूहो में वगीकृत किया गया है ।-----
1⃣ जड तथा भूमिगत भागों से प्राप्त औषधियाँ ।
2⃣तने तथा वायवीय शाखाओं से प्राप्त औषधियाँ ।
3⃣छाल से प्राप्त औषधियाँ।
4⃣पत्तियों से प्राप्त औषधियाँ ।
5⃣पुष्पो से प्राप्त औषधिया ।
6⃣फल एवं बीजों से प्राप्त औषधियाँ।
7⃣सम्पूर्ण पौधो से प्राप्त औषधियाँ।
1⃣ जड तथा भूमिगत भागो से प्राप्त औषधियाँ
1 ऐकोनाइट
देशी नाम - - - वचनाग , वत्सनामा
वानस्पतिक नाम - - - - ऐकोनीटम नैपेलस
औषधि महत्व वाले भाग- - - कन्दिल जडे
औषधि का नाम - - - - - ऐकोनाइट
औषधिय उपयोग- - - - -1 टिंक्चर के रूप में।
a स्नायुमण्डल के रोगो , दरद , बुखार आदि
b मधुमेह । कुष्ठ । लकवा
2 हींग
देशी नाम--- हींग
वानस्पतिक नाम----- फेरूला ऐसाफीटिडा
औषधिय महत्व भाग--- पत्ती।,, जड, रेजीन युक्त गोंद
औषधिय उपयोग---- 1 पत्तियो का उपयोग कृमिनाशक ।
2 बबासीर, यकृत जटिलता, आदतन गरभपात।
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Drug, शब्द फेन्च शब्द के 'Drogue' से व्युत्पन्न माना जाता है जिसका आशय है 'Dry herb'| औषधियाँ वे पदार्थ
है जिनका उपयोग मनुष्य तथा जानवरो के रोकथाम मे, उपचार मे तथा निदान मे होता है|औषधि एक साधारण पदार्थ है, जो एकल ही उपयोगी है या दवाईयो मे अंश के रुप मे उपयोगी है दवाइयाँ एक अशल्य रासायनिक पदार्थ है ऐसे रासायनिक पदार्थ या दवाइयाँ जो इन बीमारियो के रोकथाम के लिये उपयोगी है, कीमोथिरैप्युटिक एजेन्ट कहलाते है।
औषधियों तथा दवाइयों का वर्गीकरण (classification of Drugs and Medicines)
1⃣ रोकथाम क्रिया पर आआधारित वर्गीकरण
🄰 ज्वर निवारक - - शरीर के बढे हुए ताप को कम करने में
🄱 दर्द निवारक--- दर्द निवारण के लिए ।
2..निश्चेतक__चेतना शून्य करने के लिए ।
3...प्रशान्तक - - 1 निद्राकारी
2 मूर्छाकारी
4...प्रतिरोधी... बैक्टीरिया , वाइरस की वृध्दि की रोकथाम के लिए
2⃣ रासायनिक रोकथाम मूल्यों पर आधारित वर्गीकरण
1...प्रतिजैविक
2..बैबैक्टीरियारोधी
3...मलेरियारोधी
4..एन्टीहिस्टामिन
5..अमीबीसाइड्स
6..एन्टीट्युबरकुलर
7..एन्टीहेलमिन्थीस
3⃣ विविध प्रकार की दवाइयाँ
1 सल्फा दवाइयाँ
2 सिम्पेथोमिमेटिस
3 हरदय उत्प्रेरक
4डाइयूरेटिक्स
5 जुलाब.
6 माइडिएटिक्स.
7 ट्रिपनोसाइड्स
8 एन्टी कॉनवलसेन्ट्स.
विभिन्न औषधीय पौधो मे पाये जाने वाले मुख्य सक्रिय अवयव के नाम एवं रोगों मे उनका उपयोग
प्राचीन समय से ही मानव विभिन्न प्रकार के रोगो पर नियन्त्रण पाने के लिए औषधीय पौधो की खोज मे लगा रहा है। ऋगवेद के प्राचीन records मे पौधों की प्रशंसा का विस्तार देखने को मिलता है। प्राचीन समय मे greek एवं इजिप्ट के लोगो ने पौधों का प्रयोग औषधि के रुप मे किया है। अरस्तू एवं Theophrastus ने 380 बी. सी. मे अपनी पुस्तक 'हिस्टोरिया डीप्लाण्टेरम' नामक पुस्तक मे औषधीय पौधो का विस्तार किया गया है।
औषधियों का संकल्प एवं निर्माण------------
कभी कभी औषधि प्रदान करने वाले पौधो की खेती की जाती है। इनसे औषधियाॅं प्राप्त होती है। प्रायः औषधि प्रदान करने वाले पौधे जंगली होते है। जो विभिन्न परिस्थियों में संसार के विभिन्न भागो में उगते है और प्राकृतिक अवस्था में उनका चयन किया जाता है। अतः लोग इस प्रकार वनस्पतियों का चयन करते हैं। विभिन्न प्रकार की औषधियाँ को जड़ से, पत्तियों आदि से प्राप्त किया जाता हैं। ]]
पादपो का विभिन्न औषधि पध्दतियों मे उपयोग-----
संसार मे विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार के लिए पादपों से प्राप्त औषधियाँ का प्रयोग किया जाता है, जो पौधो के विभिन्न भागो से निकाली जाती है। विश्व की सभी चिकित्सा पद्धति पौधो के ऊपर निरभर है । विश्व की 80% जनसंख्या जडी - बूटियों से प्राप्त औषधीयों का प्रयोग करती हैं । चिकित्सा पद्धति के अनुसार मनुष्यों ने आयुर्वेदिक यूनानी तथा होम्योपैथी को अपनाया हैं, जिसमें अधिकतर पौधो के विभिन्न भागो को जडी - बूटियों के रूप में अथवा सत्व के रूप में औषधि की भाँति प्रयोग किया जाता है।
औषधियों का वर्गीकरण (classification of drugs )
औषधियों के निर्माण या प्राप्ति हेतु उपयोगी पादप भाग की आकारकीय प्रकृति के आधार पर औषधियों को निम्न समूहो में वगीकृत किया गया है ।-----
1⃣ जड तथा भूमिगत भागों से प्राप्त औषधियाँ ।
2⃣तने तथा वायवीय शाखाओं से प्राप्त औषधियाँ ।
3⃣छाल से प्राप्त औषधियाँ।
4⃣पत्तियों से प्राप्त औषधियाँ ।
5⃣पुष्पो से प्राप्त औषधिया ।
6⃣फल एवं बीजों से प्राप्त औषधियाँ।
7⃣सम्पूर्ण पौधो से प्राप्त औषधियाँ।
1⃣ जड तथा भूमिगत भागो से प्राप्त औषधियाँ
1 ऐकोनाइट
देशी नाम - - - वचनाग , वत्सनामा
वानस्पतिक नाम - - - - ऐकोनीटम नैपेलस
औषधि महत्व वाले भाग- - - कन्दिल जडे
औषधि का नाम - - - - - ऐकोनाइट
औषधिय उपयोग- - - - -1 टिंक्चर के रूप में।
a स्नायुमण्डल के रोगो , दरद , बुखार आदि
b मधुमेह । कुष्ठ । लकवा
2 हींग
देशी नाम--- हींग
वानस्पतिक नाम----- फेरूला ऐसाफीटिडा
औषधिय महत्व भाग--- पत्ती।,, जड, रेजीन युक्त गोंद
औषधिय उपयोग---- 1 पत्तियो का उपयोग कृमिनाशक ।
2 बबासीर, यकृत जटिलता, आदतन गरभपात।
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